खाद पाने के लिए किसानों की लगती लम्बी लाईनों के जिम्मेदार कौन…?
डिंडोरी, जबलपुर दर्पण ब्यूरो। एक-तरफ सरकार किसानों की आय दुगनी करने के लिए अथक प्रयास कर रही है, ताकि किसानों की आय को बढ़ाया जा सके। लेकिन जब वही किसानों को खाद के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़े, तो शासन प्रशासन के जिम्मेदारों के प्रति उनके मानसिकता को साफ दर्शाता है। ताजा मामला जिले के समनापुर जनपद मुख्यालय में स्थित आदिम जाति सेवा सहकारी समिति से सामने आया है, जहां पिछले कई दिनों से आसपास के दर्जनों गांवों के किसान खाद पाने के लिए चक्कर लगा रहे हैं। बताया गया कि कई दिनों तक कार्यालय के चक्कर काटने के बाद भी समय में किसानों को खाद नहीं मिल रहा, उल्टा घंटो-घंटो तक किसानों को लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के भाजपा सरकार लगातार किसानों के हितों में कई बड़े फैसले लेकर किसानों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मंशा बना रखी है, लेकिन जिम्मेदार लोग शासन प्रशासन की मंशा पर खरा नहीं उतर रहे, जिससे किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है। गौरतलब है कि खाद के लिए हर साल किसानों को कार्यालय के चक्कर काटने के बाद भी खाद नहीं मिलती , लंबी-लंबी लाइनों में लगकर ही खाद लेना पड़ता है, जबकि उपलब्धता तो ऐसी होनी चाहिए थी कि किसान जब चाहे तब जाकर बिना किसी परेशानी के खाद को ला सके। सूत्रों की माने तो मुनाफाखोरी करने की चक्कर में कुछ बड़े रसुकदार किसान बड़ी मात्रा में अवैध रूप से खाद को स्टॉक करके रखते हैं, फिर ऊंची कीमत में कालाबाजारी करके मुनाफाखोरी करके खाद बेचते हैं। यही कारण है कि हर साल किसानों को लंबी लाइनों में लगे बिना खाद नहीं मिल रही, बावजूद इस और कोई ठोस पहल करने कोई कदम नहीं उठाए जा रहे।