28 से प्रारंभ होगी गांेदिया-कटंगी और तिरोड़ी-तुमसर पैसेंजर ट्रेन
बालाघाट। जिले की लाईफलाईन ब्राडगेज पर कोरोना कॉल में वर्ष 2020 से रेलवे परिचालन बंद था, जो लगभग डेढ़ साल बाद 28 सितंबर से प्रारंभ होने जा रहा है। जिसको लेकर रेलवे विभाग ने गोंदिया से कटंगी और कटंगी से गोंदिया के बीच सुबह और शाम को चलने वाली डेमु ट्रेन की समय सारिणी घोषित कर दी है। जिससे अब गोंदिया से कटंगी और कटंगी से गोंदिया तक का सफर आसान होगा, वहीं इस मार्ग पर आवागमन करने वाले लोगों पर आर्थिक भार भी कम होगा। बताया जाता है कि 28 सितंबर से ही तिरोड़ी से तुमसर के बीच भी रेल परिचालन प्रारंभ किया जा रहा है। हालांकि बहुप्रतिक्षित गोंदिया से जबलपुर और कटंगी से तिरोड़ी के बीच नवनिर्मित और सुरक्षा की दृष्टि से औपचारिक जांच से पूर्ण नव-ब्राडगेज मार्ग पर ट्रेन चलाने की अभी कोई तैयारी नहीं है। जिसको लेकर ब्रासंस अध्यक्ष ने विरोध जताया है कि तो सांसद ने कहा कि अभी पुरानी ट्रेनों को प्रारंभ किया जा रहा है, नये मार्ग पर भी जल्द रेल का परिचालन प्रारंभ होगा।
गौरतलब हो कि 22 मार्च 2020 में जब पहली बार कोरोना महामारी के चलते जो रेल का परिचालन बंद था, वह 27 सितंबर तक बंद रहेगा। लेकिन उसके चार दिन पूर्व 28 सितंबर को रेल परिचालन को लेकर एक राहत भरी खबर मिली। 24 सितंबर को देरशाम गोंदिया से कटंगी और कटंगी से गोंदिया के बीच रेल परिचालन की खबर जिलेवासियों के लिए राहत देने वाली थी। हालांकि सुबह से ही रेल परिचालन के प्रारंभ होने की सुगबुगाहट शुरू हो गई थी और दोपहर तक 23 सितंबर का कथित रेलवे विभाग द्वारा जारी ट्रेन को प्रारंभ करने का मैसेज भी व्हाट्सअप ग्रुप पर तेजी से वायरल हो रहा था, हालांकि इस संदर्भ में रेलवे विभाग से जुड़े सूत्र बिना किसी अधिकारिक जानकारी के इस मैसेज को लेकर कुछ बता नहीं पा रहे थे। हालांकि शाम होते-होते तक यह साफ हो गया कि 28 सितंबर से दो समय पर गोंदिया से कटंगी और कटंगी से गोंदिया के बीच डेमु पैसेंजर ट्रेन दौडे़गी। जिसके बाद रेलवे स्टेशन प्रबंधक एच.एल. कुशवाह ने भी इसकी पुष्टि की।
दो समय पर चलेगी ट्रेन-28 सितंबर से गोंदिया से कटंगी और कटंगी से गोंदिया के बीच डेमु पैंसेजर ट्रेन का परिचालन प्रारंभ हो जायेगा। जिसकी समय सारिणी रेलवे विभाग द्वारा जारी कर दी गई है। पहली डेमु पैसंेजर ट्रेन गोंदिया से प्रातः 9 बजे छूटेगी जो नागराधाम, प्रतापबाग,गात्रा, खारा, बिरसोला, हट्टा, कन्हड़गांव होते हुए 10.20 बजे बालाघाट स्टेशन पहुंचेगी। बालाघाट से यह ट्रेन 10.25 बजे पर छूटेगी जो गर्रा, कायदी, वारासिवनी, सावंगी, कोचेवाही और लखनवाड़ा होते हुए 11.35 बजे कटंगी पहुंचेगी। जहां से यह ट्रेन गोंदिया के लिए प्रातः 11.45 बजे छूटेगी, जो लखनवाड़ा, कोचेवाही, सावंगी, वारासिवनी, कायदी और गर्रा होते हुए दोपहर 12.56 बजे पर बालाघाट पहुंचेगी। जहां से 13.01 मिनट पर छूटने के बाद कन्हडगांव, हट्टा, खारा, बिरसोला, गात्रा, प्रतापबाग, नागराधाम होते हुए दोपहर 14.05 बजे गोंदिया पहुंचेगी। इसी प्रकार शाम को गोंदिया से 18.40 बजे छूटकर नागराधाम, प्रतापबाग,गात्रा, खारा, बिरसोला, हट्टा, कन्हड़गांव होते हुए 19.35 बजे पर बालाघाट स्टेशन पहुंचेगी। जो बालाघाट स्टेशन से 19.40 बजे छूटेगी जो गर्रा, कायदी, वारासिवनी, सावंगी, कोचेवाही और लखनवाड़ा होते हुए 20.50 बजे कटंगी पहुंचेगी। कटंगी से गोंदिया के लिए वापसी ट्रेन कटंगी से रात 21.10 बजे छुटेगी जो लखनवाड़ा, कोचेवाही, सावंगी, वारासिवनी, कायदी और गर्रा होते हुए रात 22.22 बजे पर बालाघाट पहुंचेगी। यहां से रात 22.27 को छुटेगी जो कन्हडगांव, हट्टा, खारा, बिरसोला, गात्रा, प्रतापबाग, नागराधाम होते हुए रात 23.30 बजे गोंदिया पहुंचेगी। इस दौरान ट्रेन का कुछ स्थानों में रूकने का टायमिंग न्यूनतम 3 से अधिकत्तम 5 मिनट का होगा।
पुरानी ट्रेनों को प्रारंभ किया जा रहा है, नये मार्ग पर भी जल्द दौड़ेगी ट्रेन-सांसद बिसेन-जिले के सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन ने कहा कि अभी कोविड कॉल में बंद पुरानी ट्रेनों को प्रारंभ किया जा रहा है, नये मार्ग पर जल्द ही ट्रेल परिचालन भी प्रारंभ किया जायेगा। गोंदिया से जबलपुर और कटंगी से तिरोड़ी नेरोगेज पर ब्राडगेज बना है, जिसमें भी ट्रेन का परिचालन औपचारिक रूप से शुरूआत के बाद प्रारंभ हो जायेगा। जिसको लेकर चीफ कंट्रोलर और डीआरएम से चर्चा हुई है, उन्होंने बताया कि अभी यह परीक्षण में है, जिसके प्रस्ताव भेजे गये है, जिसकी अनुमति मिलते ही प्रारंभ कर दिया जायेगा। जैसे-जैसे कोविड का भय खत्म होगा, वैसे-वैसे ट्रेनो का परिचालन शुरू होता जायेगा। हमारा काम है सरकार तक बात पहुंचाना और उसे मनवाना और लगातार हम इसका प्रयास कर रहे है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में इस मार्ग पर ट्रेनो का प्रारंभ यथाशीघ्र होगा। सरकार, इस पर गंभीर है, मोदी जी के ही कार्यकाल मंे यह बहुप्रतिक्षित परियोजना पूरी हो सकी है, जिन्होंने इस परियोजना को पूरा करने के लिए पैसा दिया और काम चालु करवाया, जो आज पूर्ण होकर तैयार है। चूंकि अभी थर्ड वेव का भी खतरा है, जिसके चलते हमें सावधानी भी बरतने की जरूरत है। विपक्ष का काम ही गाल बजाना है, वे बताये अपने 10 साल के कार्यकाल में क्यों परियोजना पूरी नहीं कर पाये। स्वयं अपने भीतर झांककर देखे। विपक्ष ने अब तक क्या किया पहले घोषणा की, जिसके काफी समय बाद भूमिपूजन किया और फिर आराम से थोड़ा बहुत काम किया, जिसमें 20 साल निकाल दियें। रेल परिचालन का शेड्युल रेलवे विभाग को तय करना है, वह तकनीकि जानकार है, जिन्हंे यदि इतनी ही चिंता है तो वे अपने कार्यकाल में काम पूरा करवाकर ट्रेन प्रारंभ करवा देते।
मोदी जी के नेतृत्व में सांसद जी के अथक प्रयासों का परिणाम है रेल परिचालन का प्रारंभ होना-मोनिल-रेलवे सलाहकार समिति सदस्य मोनिल जैन ने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक सुविधायें पहुंचाने के लिए अंत्योदय के भाव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सांसद ढालसिंह बिसेन के अथक प्रयासो तथा रेलवे सलाहकार समिति सदस्यों की निरंतर मांगो एवं उचित कार्ययोजना का परिणाम आमजनता को आज सवारी गाड़ी के रूप से मिला है। आगामी समय मे बालाघाट की रेल सेवा बेहतर बनाने के लिए हम सभी लगातार प्रयासरत है। जिसके लिए लगातार प्रस्ताव के माध्यम से बात रेलवे मंडल एवं मंत्रालय को चर्चा की जा रही है।
हरी झंडी दिखाने भाजपा सांसदो ने रोका गोंदिया से जबलपुर और कटंगी से तिरोड़ी रेल परिचालन-अनूपसिंह बैस-ब्रासंस अध्यक्ष अनूपसिंह बैस ने 28 सितंबर को गोंदिया से कटंगी और कटंगी से गोंदिया के बीच रेल परिचालन प्रारंभ किये जाने के साथ ही गोंदिया से कटंगी-तिरोड़ी होते हुए नागपुर और गोंदिया से जबलपुर के बीच रेल परिचालन प्रारंभ किये जाने की मांग की हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर भाजपा के सांसदों द्वारा श्रेय लेने और हरी झंडी दिखाने के लिए कटंगी से तिरोड़ी महज 15 किलोमीटर और गोंदिया से जबलपुर पर ट्रेन का परिचालन प्रारंभ नहीं किया जा रहा है। जो जिले की जनता के साथ कुठाराघात और अत्याचार है, जिसके ब्रासंस बर्दाश्त नहीं करेगी। यदि 28 सितंबर को जिले के सांसद हरी झंडी दिखाने आते है तो ब्रासंस उन्हें काले झंडे दिखायेगी। हमारी मांग है कि सभी ट्रेने प्रारंभ की जायें। कटंगी से तिरोड़ी का काम पूरा हो गया है और सभी औपचारिकता पूरी हो गई है। ऐसे में इस ट्रेन के प्रारंभ नहीं होने से जहां रेलवे को नुकसान होगा, वहीं जनता का भी नुकसान होगा। महज 15 किलोमीटर ट्रेन नहीं चलने से जनता को तिरोड़ी से नागपुर जाने के लिए परेशान होना पड़ेगा। वहीं इससे आर्थिक भार भी लोगों पर पड़ेगा।